Hindi(Kshitij) Class 9 : पाठ 5 - नाना साहब की पुत्री देवी मैना को भस्म कर दिया गया
इस पेज में आपको NCERT Solution Class 9 Hindi Kshitij पाठ 5 - नाना साहब की पुत्री देवी मैना को भस्म कर दिया गया दिया जा रहा है| हिंदी स्पर्श के दो भाग हैं | Hindi Kshitij सीबीएसई बोर्ड द्वारा class 9th के लिए निर्धारित किया गया है | इस पेज की खासियत ये है कि आप यहाँ पर NCERT Solution Class 9 Hindi Kshitij pdf download भी कर सकते हैं| I expect that the given Class 9 Hindi Kshitij solution पाठ 5 - नाना साहब की पुत्री देवी मैना को भस्म कर दिया गया will be immensely useful to you.
उत्तर:- बालिका मैना ने सेनापति ‘हे’ को महल की रक्षा करने के लिए निम्नलिखित तर्क दिए –
(1) अंग्रेज़ों के दोषी नाना साहब हैं। मकान का इसमें क्या दोष है?
(2) यह स्थान मैना को बहुत प्रिय है।
(3) अंत में मैना ने सेनापति ‘हे’ को अपना परिचय देकर कहा कि वो उनकी पुत्री ‘मेरी’ की सहेली है।
प्र.2. मैना जड़ पदार्थ मकान को बचाना चाहती थी पर अंग्रेज़ उसे नष्ट करना चाहते थे। क्यों ?
उत्तर:- मैना अपने मकान को बचाना चाहती थी क्योंकि वह मकान उसकी पैतृक धरोहर थी। उसी में मैना की बचपन की, पिता की, परिवार की यादें समाई हुई थीं। वह उसके जीवन का भी सहारा हो सकता था। इसलिए वह उसे बचाना चाहती थी।
नाना साहब ने अंग्रेज सरकार को बहुत हानि पहुँचाई थी। अंग्रेज़ों के लिए वह राजमहल उनके दुश्मन नाना साहब की निशानी था। वे उनकी हर निशानी को मिट्टी में मिला देना चाहते थे, ताकि देश में फिर से कोई अंग्रेज़ों के विरुद्ध आवाज़ न उठाए।
प्र.3. सर टामस ‘हे’ के मैना पर दया-भाव के क्या कारण थे ?
उत्तर:- सर टामस ‘हे’ की मृत पुत्री मेरी मैना की प्रिय सखी थी। दूसरा कारण यह रहा होगा कि हे मैना के घर आते रहे थे और तब वे मैना को अपनी पुत्री के समान ही प्यार करते थे। मैना के रूप में उन्हें अपनी पुत्री मेरी की छवि दिखाई दी होगी और उनके मन में ममता जाग गई होगी। ये सभी कारण रहे होंगे कि हे के मन में मैना पर दया भाव उत्पन्न हुआ।
प्र.4. मैना की अंतिम इच्छा थी कि वह उस प्रासाद के ढेर पर बैठकर जी भरकर रो ले लेकिन पाषाण-हृदय वाले जनरल ने किस भय से उसकी इच्छा पूर्ण न होने दी ?
उत्तर:- मैना महल के ढेर पर बैठकर जी भर कर रो लेना चाहती थी पर पाषाण – हृदय जनरल अउटरम ने उसकी यह इच्छा पूरी न होने दी। जनरल अउटरम के मन में भय रहा होगा कि अगर उसने नाना साहब की बेटी के प्रति ज़रा भी सहानुभूति दिखाई तो ब्रिटिश सरकार का गुस्सा उस पर फूट पड़ेगा। उसे इसके लिए दंड भी मिल सकता है। क्रोध से पागल सामान्य, अंग्रेज़ नागरिक भी उस पर नाराज़गी प्रकट करेंगे। इस कारण उसने मैना की यह छोटी-सी इच्छा भी पूरी न होने दी।
प्र.5. बालिका मैना के चरित्र की कौन-कौन सी विशेषताएँ आप अपनाना चाहेंगें और क्यों ?
उत्तर:- मैना की चारित्रिक विशेषताएँ –
(1) मैना एक वाक् चतुर बालिका थी।
(2) उसके मन में अपनी पैतृक धरोहर के प्रति सम्मान की भावना थी।
(3) उसके मन में किसी भी प्रकार का कोई भय नहीं था। वह साहसी थी।
(4) उसमें आत्मबलिदान की भावना प्रबल थी।
(5) मैना बहुत भावुक थी तभी मकान के जल जाने पर उसका मन दु:खी हो जाता है।
हम मैना की इन सारी विशेषताओं को अपनाना चाहेंगे। उसकी ये विशेषताएँ उसे औरों से अलग बनाती है। इन गुणों से युक्त मनुष्य जीवन पथ पर कभी असफल नहीं होता है। उसे किसी भी प्रकार की शक्ति अपने मार्ग से विचलित नहीं कर सकती है। अतः हम उसके इन गुणों को आत्मसात करके देश तथा परिवार का नाम रोशन करने का प्रयास करेंगे।
प्र.6. ‘टाइम्स’ पत्र ने 6 सितम्बर को लिखा था – ‘बड़े दुख का विषय है कि भारत सरकार आज तक उस दुर्दांत नाना साहब को नहीं पकड़ सकी’। इस वाक्य में’भारत सरकार’ से क्या आशय है ?
उत्तर:- यहाँ भारत सरकार से आशय है – ब्रिटिश शासन के अंतर्गत चलने वाली भारत सरकार जिसे अंग्रेज़ अधिकारी चलाते थे।
उत्तर:- स्वाधीनता आंदोलन को में समाज के लोगों को संदेश पहुँचने में लेखों की भूमिका महत्तवपूर्ण रही होगी। लोग जब अंग्रेज़ों के अत्याचारों को पढ़ते होंगे तो उनके विरुद्ध हो जाते होंगे। जब वे मैना जैसी निडर बालिका के निर्मम वध की बात सुनते होंगे तो उनका हृदय करूणा से भर उठता होगा और मैना के बलिदान से देशभक्ति की प्रेरणा मिली होगी। यही भाव स्वाधीनता आंदोलन को बढ़ाने में मददगार सिद्ध हुआ होगा।
प्र.8. कल्पना कीजिए कि मैना के बलिदान की यह खबर आपको रेडियो पर प्रस्तुत करनी है। इन सूचनाओं के आधार पर आप एक रेडियो समाचार तैयारी करें और कक्षा में भावपूर्ण शैली में पढ़े।
उत्तर:- यह आकाशवाणी का कानपूर चैनल है। आज रात्रि के संध्या समाचारों में मैनादेवी के बलिदान पर एक संक्षिप्त समाचार सुनाया जा रहा है। समाचार के प्रस्तुतकर्ता है श्री रवि वर्माजी। अत्यंत दुःख के साथ यह सूचित किया जाता है कि कल सांयकाल के समय मैनादेवी का दुखद अवसान हो गया है। समाचार यह है कि अंग्रेज जनरल अउटरम द्वारा बड़ी ही अमानवीयता के साथ मैनादेवी को जलती हुई आग में भस्म कर दिया गया। सारा शहर इस क्षोभ से अत्यंत क्रुद्ध तथा दुखी है। भले ही आज मैनादेवी इस नश्वर संसार को त्याग कर परमधाम में चली गईं है, परन्तु उनका यह बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा आने वाले समय में देशवासियों को प्रेरणा प्रदान करता रहेगा। धन्यवाद।
प्र.9. इस पाठ में रिपोर्ताज के प्रारंभिक रूप की झलक मिलती है लेकिन आज अखबारों में अधिकांश खबरें रिपोर्ताज की शैली में लिखी जाती हैं। आप –
(क) कोई दो खबरें किसी अखबार से काटकर अपनी कॉपी में चिपकाइए तथा कक्षा में पढ़कर सुनाइए।
(ख) अपने आसपास की किसी घटना का वर्णन रिपोर्ताज शैली में कीजिए।
उत्तर:- आप स्वयं करें ।
प्र.10. आप किसी ऐसे बालक/बालिका के बारे में एक अनुच्छेद लिखिए जिसने कोई बाहदुरी का काम किया हो।
उत्तर:- आप स्वयं करें ।
उत्तर:- सेनापति ने दु:ख प्रकट करते हुए कहा-“कर्तव्य के कारण मुझे यह मकान गिराना ही होगा।” इस पर उस बालिका ने अपना परिचय देते हुए कहा-”मैं जानती हूँ कि आप जनरल ‘हे’ हैं। आपकी प्रिय कन्या मेरी और मुझमें बहुत प्रेम था। कई वर्ष पूर्व मेरी मेरे पास बराबर आती थी और मुझे हृदय से चाहती थी। उस समय आप भी हमारे यहाँ आते थे और मुझे अपनी पुत्री के ही समान प्यार करते थे। मालूम होता है कि आप वे सब बातें भूल गए हैं। मेरी की मृत्यु से मैं बहुत । दु:खी हुई थी। उसकी एक चिट्ठी मेरे पास अब तक है।”
वर्तमान मानक हिंदी रूप
उसी दिन संध्या समय लार्ड केनिंग का एक तार आया, जिसका आशय इस प्रकार था-लंदन के मंत्रिमंडल का यह मत है कि नाना का स्मृति-चिह्न तक मिटा दिया जाए। इसलिए वहाँ की आज्ञा के विरुद्ध कुछ नहीं हो सकता। उसी क्षण क्रूर जनरल आउटरम की आज्ञा से नाना साहब के सुविशाल राज मंदिर पर तोप के गोले बरसने लगे। घंटे भर में वह महल मिट्टी में मिला दिया गया।
उत्तर:- आप स्वयं करें ।
प्र.13. इन पुस्तकों को पढ़िए. ‘भारतीय स्वाधीनता संग्राम में महिलाएँ’-राजम कृष्णन, नेशनल बुक ट्रस्ट, नई दिल्ली।
‘1857 की कहानियाँ’-ख्वाजा हसन निजामी, नेशनल बुक ट्रस्ट, नई दिल्ली।
उत्तर:- आप स्वयं करें ।
उत्तर:- नाना साहब कानपुर में अंग्रेजों के सामने असफल रहे जिसके वजह से उन्हें जल्दी में भागना पड़ा। इस कारण वे अपनी पुत्री मैना को अपने साथ नहीं ले जा सके।
प्र.2. मैना 'हे' को कैसे जानती थी? उसने 'हे' से क्या मदद माँगी? पाठ के आधार पर लिखिए।
उत्तर:- 'हे' की पुत्री मेरी मैना की सहेली थी। पहले 'हे' नाना साहब से मिलने उनके महल जाया करते थे और मैना को भी अपनी पुत्री समान प्यार करते थे। इस प्रकार मैना 'हे' को जानती थी। उसने 'हे' से राजमहल के रक्षा की माँग की।
प्र.3. सेनापति 'हे' ने मदद करने में असमर्थता के पीछे क्या वजह दिया?
उत्तर:- सेनापति 'हे' ने मदद करने में असमर्थता के पीछे नाना साहब के प्रति अंग्रेज सरकार के कड़े रुख का वजह दिया। उन्होंने कहा कि वह जिस सरकार के नौकर हैं, उसकी आज्ञा वे नहीं टाल सकते।
प्र.4. पाठ के आधार पर जनरल आउटम के चरित्र का विश्लेषण कीजिये।
उत्तर:- जनरल आउटरम अंग्रेजी सेना का जनरल था। वह क्रूर, निर्दयी और पत्थर हृदय व्यक्ति था। उसने मैना को राजमहल के अवशेषों पर से रोते हुए देखा और हथकड़ी डालकर गिरफ्तार किया और कानपुर के किले में कैद कर दिया। उसने मैना की आखिरी इच्छा भी पूरी नहीं की और उसी किले में मैना को आग जलाकर भस्म कर दिया गया।
प्र.5. महाराष्ट्रीय इतिहासवेत्ता महादेव चिटनीस के पत्र में क्या छपा?
उत्तर:- महाराष्ट्रीय इतिहासवेत्ता महादेव चिटनवीस के पत्र में छपा कि कल कानपुर के किले में एक भीषण हत्याकाण्ड हो गया। नाना साहब की एकमात्र कन्या मैना धधकती हुई आग में जलाकर भस्म कर दी गयी।
पाठ - 5 नाना साहब की पुत्री देवी मैना को भस्म कर दिया गया- चपला देवी
प्रश्न-अभ्यास
प्र.1. बालिका मैना ने सेनापति ‘हे’ को कौन-कौन से तर्क देकर महल की रक्षा के लिए प्रेरित किया ?उत्तर:- बालिका मैना ने सेनापति ‘हे’ को महल की रक्षा करने के लिए निम्नलिखित तर्क दिए –
(1) अंग्रेज़ों के दोषी नाना साहब हैं। मकान का इसमें क्या दोष है?
(2) यह स्थान मैना को बहुत प्रिय है।
(3) अंत में मैना ने सेनापति ‘हे’ को अपना परिचय देकर कहा कि वो उनकी पुत्री ‘मेरी’ की सहेली है।
प्र.2. मैना जड़ पदार्थ मकान को बचाना चाहती थी पर अंग्रेज़ उसे नष्ट करना चाहते थे। क्यों ?
उत्तर:- मैना अपने मकान को बचाना चाहती थी क्योंकि वह मकान उसकी पैतृक धरोहर थी। उसी में मैना की बचपन की, पिता की, परिवार की यादें समाई हुई थीं। वह उसके जीवन का भी सहारा हो सकता था। इसलिए वह उसे बचाना चाहती थी।
नाना साहब ने अंग्रेज सरकार को बहुत हानि पहुँचाई थी। अंग्रेज़ों के लिए वह राजमहल उनके दुश्मन नाना साहब की निशानी था। वे उनकी हर निशानी को मिट्टी में मिला देना चाहते थे, ताकि देश में फिर से कोई अंग्रेज़ों के विरुद्ध आवाज़ न उठाए।
प्र.3. सर टामस ‘हे’ के मैना पर दया-भाव के क्या कारण थे ?
उत्तर:- सर टामस ‘हे’ की मृत पुत्री मेरी मैना की प्रिय सखी थी। दूसरा कारण यह रहा होगा कि हे मैना के घर आते रहे थे और तब वे मैना को अपनी पुत्री के समान ही प्यार करते थे। मैना के रूप में उन्हें अपनी पुत्री मेरी की छवि दिखाई दी होगी और उनके मन में ममता जाग गई होगी। ये सभी कारण रहे होंगे कि हे के मन में मैना पर दया भाव उत्पन्न हुआ।
प्र.4. मैना की अंतिम इच्छा थी कि वह उस प्रासाद के ढेर पर बैठकर जी भरकर रो ले लेकिन पाषाण-हृदय वाले जनरल ने किस भय से उसकी इच्छा पूर्ण न होने दी ?
उत्तर:- मैना महल के ढेर पर बैठकर जी भर कर रो लेना चाहती थी पर पाषाण – हृदय जनरल अउटरम ने उसकी यह इच्छा पूरी न होने दी। जनरल अउटरम के मन में भय रहा होगा कि अगर उसने नाना साहब की बेटी के प्रति ज़रा भी सहानुभूति दिखाई तो ब्रिटिश सरकार का गुस्सा उस पर फूट पड़ेगा। उसे इसके लिए दंड भी मिल सकता है। क्रोध से पागल सामान्य, अंग्रेज़ नागरिक भी उस पर नाराज़गी प्रकट करेंगे। इस कारण उसने मैना की यह छोटी-सी इच्छा भी पूरी न होने दी।
प्र.5. बालिका मैना के चरित्र की कौन-कौन सी विशेषताएँ आप अपनाना चाहेंगें और क्यों ?
उत्तर:- मैना की चारित्रिक विशेषताएँ –
(1) मैना एक वाक् चतुर बालिका थी।
(2) उसके मन में अपनी पैतृक धरोहर के प्रति सम्मान की भावना थी।
(3) उसके मन में किसी भी प्रकार का कोई भय नहीं था। वह साहसी थी।
(4) उसमें आत्मबलिदान की भावना प्रबल थी।
(5) मैना बहुत भावुक थी तभी मकान के जल जाने पर उसका मन दु:खी हो जाता है।
हम मैना की इन सारी विशेषताओं को अपनाना चाहेंगे। उसकी ये विशेषताएँ उसे औरों से अलग बनाती है। इन गुणों से युक्त मनुष्य जीवन पथ पर कभी असफल नहीं होता है। उसे किसी भी प्रकार की शक्ति अपने मार्ग से विचलित नहीं कर सकती है। अतः हम उसके इन गुणों को आत्मसात करके देश तथा परिवार का नाम रोशन करने का प्रयास करेंगे।
प्र.6. ‘टाइम्स’ पत्र ने 6 सितम्बर को लिखा था – ‘बड़े दुख का विषय है कि भारत सरकार आज तक उस दुर्दांत नाना साहब को नहीं पकड़ सकी’। इस वाक्य में’भारत सरकार’ से क्या आशय है ?
उत्तर:- यहाँ भारत सरकार से आशय है – ब्रिटिश शासन के अंतर्गत चलने वाली भारत सरकार जिसे अंग्रेज़ अधिकारी चलाते थे।
रचना और अभिव्यक्ति
प्र.7. स्वाधीनता आंदोलन को आगे बढ़ाने में इस प्रकार के लेखन की क्या भूमिका रही होगी ?उत्तर:- स्वाधीनता आंदोलन को में समाज के लोगों को संदेश पहुँचने में लेखों की भूमिका महत्तवपूर्ण रही होगी। लोग जब अंग्रेज़ों के अत्याचारों को पढ़ते होंगे तो उनके विरुद्ध हो जाते होंगे। जब वे मैना जैसी निडर बालिका के निर्मम वध की बात सुनते होंगे तो उनका हृदय करूणा से भर उठता होगा और मैना के बलिदान से देशभक्ति की प्रेरणा मिली होगी। यही भाव स्वाधीनता आंदोलन को बढ़ाने में मददगार सिद्ध हुआ होगा।
प्र.8. कल्पना कीजिए कि मैना के बलिदान की यह खबर आपको रेडियो पर प्रस्तुत करनी है। इन सूचनाओं के आधार पर आप एक रेडियो समाचार तैयारी करें और कक्षा में भावपूर्ण शैली में पढ़े।
उत्तर:- यह आकाशवाणी का कानपूर चैनल है। आज रात्रि के संध्या समाचारों में मैनादेवी के बलिदान पर एक संक्षिप्त समाचार सुनाया जा रहा है। समाचार के प्रस्तुतकर्ता है श्री रवि वर्माजी। अत्यंत दुःख के साथ यह सूचित किया जाता है कि कल सांयकाल के समय मैनादेवी का दुखद अवसान हो गया है। समाचार यह है कि अंग्रेज जनरल अउटरम द्वारा बड़ी ही अमानवीयता के साथ मैनादेवी को जलती हुई आग में भस्म कर दिया गया। सारा शहर इस क्षोभ से अत्यंत क्रुद्ध तथा दुखी है। भले ही आज मैनादेवी इस नश्वर संसार को त्याग कर परमधाम में चली गईं है, परन्तु उनका यह बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा आने वाले समय में देशवासियों को प्रेरणा प्रदान करता रहेगा। धन्यवाद।
प्र.9. इस पाठ में रिपोर्ताज के प्रारंभिक रूप की झलक मिलती है लेकिन आज अखबारों में अधिकांश खबरें रिपोर्ताज की शैली में लिखी जाती हैं। आप –
(क) कोई दो खबरें किसी अखबार से काटकर अपनी कॉपी में चिपकाइए तथा कक्षा में पढ़कर सुनाइए।
(ख) अपने आसपास की किसी घटना का वर्णन रिपोर्ताज शैली में कीजिए।
उत्तर:- आप स्वयं करें ।
प्र.10. आप किसी ऐसे बालक/बालिका के बारे में एक अनुच्छेद लिखिए जिसने कोई बाहदुरी का काम किया हो।
उत्तर:- आप स्वयं करें ।
भाषा अध्ययन
प्र.11. भाषा और वर्तनी का स्वरूप बदलता रहता है। इस पाठ में हिंदी गद्य का प्रारंभिक रूप व्यक्त हुआ है जो लगभग 75-80 वर्ष पहले था। इस पाठ के किसी पसंदीदा अनुच्छेद को वर्तमान मानक हिंदी रूप में लिखिए।उत्तर:- सेनापति ने दु:ख प्रकट करते हुए कहा-“कर्तव्य के कारण मुझे यह मकान गिराना ही होगा।” इस पर उस बालिका ने अपना परिचय देते हुए कहा-”मैं जानती हूँ कि आप जनरल ‘हे’ हैं। आपकी प्रिय कन्या मेरी और मुझमें बहुत प्रेम था। कई वर्ष पूर्व मेरी मेरे पास बराबर आती थी और मुझे हृदय से चाहती थी। उस समय आप भी हमारे यहाँ आते थे और मुझे अपनी पुत्री के ही समान प्यार करते थे। मालूम होता है कि आप वे सब बातें भूल गए हैं। मेरी की मृत्यु से मैं बहुत । दु:खी हुई थी। उसकी एक चिट्ठी मेरे पास अब तक है।”
वर्तमान मानक हिंदी रूप
उसी दिन संध्या समय लार्ड केनिंग का एक तार आया, जिसका आशय इस प्रकार था-लंदन के मंत्रिमंडल का यह मत है कि नाना का स्मृति-चिह्न तक मिटा दिया जाए। इसलिए वहाँ की आज्ञा के विरुद्ध कुछ नहीं हो सकता। उसी क्षण क्रूर जनरल आउटरम की आज्ञा से नाना साहब के सुविशाल राज मंदिर पर तोप के गोले बरसने लगे। घंटे भर में वह महल मिट्टी में मिला दिया गया।
पाठेतर सक्रियता
प्र.12. अपने साथियों के साथ मिलकर बहादुर बच्चों के बारे में जानकारी देने वाली पुस्तकों की सूची बनाइए।उत्तर:- आप स्वयं करें ।
प्र.13. इन पुस्तकों को पढ़िए. ‘भारतीय स्वाधीनता संग्राम में महिलाएँ’-राजम कृष्णन, नेशनल बुक ट्रस्ट, नई दिल्ली।
‘1857 की कहानियाँ’-ख्वाजा हसन निजामी, नेशनल बुक ट्रस्ट, नई दिल्ली।
उत्तर:- आप स्वयं करें ।
Extra Questions
प्र.1. नाना साहब अपनी पुत्री मैना को अपने साथ क्यों नहीं ले जा सके?उत्तर:- नाना साहब कानपुर में अंग्रेजों के सामने असफल रहे जिसके वजह से उन्हें जल्दी में भागना पड़ा। इस कारण वे अपनी पुत्री मैना को अपने साथ नहीं ले जा सके।
प्र.2. मैना 'हे' को कैसे जानती थी? उसने 'हे' से क्या मदद माँगी? पाठ के आधार पर लिखिए।
उत्तर:- 'हे' की पुत्री मेरी मैना की सहेली थी। पहले 'हे' नाना साहब से मिलने उनके महल जाया करते थे और मैना को भी अपनी पुत्री समान प्यार करते थे। इस प्रकार मैना 'हे' को जानती थी। उसने 'हे' से राजमहल के रक्षा की माँग की।
प्र.3. सेनापति 'हे' ने मदद करने में असमर्थता के पीछे क्या वजह दिया?
उत्तर:- सेनापति 'हे' ने मदद करने में असमर्थता के पीछे नाना साहब के प्रति अंग्रेज सरकार के कड़े रुख का वजह दिया। उन्होंने कहा कि वह जिस सरकार के नौकर हैं, उसकी आज्ञा वे नहीं टाल सकते।
प्र.4. पाठ के आधार पर जनरल आउटम के चरित्र का विश्लेषण कीजिये।
उत्तर:- जनरल आउटरम अंग्रेजी सेना का जनरल था। वह क्रूर, निर्दयी और पत्थर हृदय व्यक्ति था। उसने मैना को राजमहल के अवशेषों पर से रोते हुए देखा और हथकड़ी डालकर गिरफ्तार किया और कानपुर के किले में कैद कर दिया। उसने मैना की आखिरी इच्छा भी पूरी नहीं की और उसी किले में मैना को आग जलाकर भस्म कर दिया गया।
प्र.5. महाराष्ट्रीय इतिहासवेत्ता महादेव चिटनीस के पत्र में क्या छपा?
उत्तर:- महाराष्ट्रीय इतिहासवेत्ता महादेव चिटनवीस के पत्र में छपा कि कल कानपुर के किले में एक भीषण हत्याकाण्ड हो गया। नाना साहब की एकमात्र कन्या मैना धधकती हुई आग में जलाकर भस्म कर दी गयी।
No comments:
Post a Comment