Hindi (Kshitij) Class 9 : पाठ 15 - मेघ आए
पाठ - 15मेघ आए- सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
प्रश्न-अभ्यास
उत्तर: बादलों के आने पर प्रकृति के जिन गतिशील क्रियाओं को कवि ने चित्रित किया है वह निम्नलिखित हैं:
- हवा का बादलों के आगे नाचते गाते चलना।
- पेड़ों का झुककर झांकना।
- नदी का ठिठकना।
- बूढ़े पीपल का नाम जुहार करना।
- लता का किवाड़ की ओट से उलाहना देना।
- लता का हरसाना और परात भर कर पानी लाना।
- धूल – किशोर लड़किया
- पेड़ – नगरवासी
- नदी – गांव की महिलाएं
- लता – नवविवाहिता
- तल – घर के सदस्य
प्रश्न 3. लता ने बादल रूपी मेहमान को किस तरह देखा और क्यों?
उत्तर: वर्षभर मेघ ना आने पर लता व्याकुल थी। मेघ उसका प्रियतम है, वह लोक कीवाड़ की ओट में होकर उसे निहारती है। वह प्रीयतम को देर से सुध लेने पर उलाहना भी देती है, बरस बाद सुध लीन्ही, लता मनिनी नायिका है, वह देर से आने के कारण प्रियतम से रूठी हुई है पर उसे देखे बिना भी नहीं रह पाती, मिलन की बेला में सारे बांध टूट जाते हैं, मेघों का बरसता जल उसके अंग-अंग में समा जाता है।
(क) क्षमा करो गाँठ खुल गई अब भरम की।
(ख) बाँकी चितवन उठा, नदी ठिठकी, घूँघट सरके।
उत्तर: (क). गांव वालों को यह भ्रम था कि मेघ नहीं आएंगे परंतु बादल रूपी मेहमान के आने से उनकी सारी शंकाएं मिट जाती है और वे क्षमा याचना करने लगते हैं।
(ख). मेघ के आने का प्रभाव नदी पर पड़ा है। नदी की ठिठक कर जब ऊपर देखने की चेष्टा करती है तब उसका घुंघट सरक जाता है और वह तिरछी नजर से आए हुए आगंतुक को देखने लग जाती है।
उत्तर: मेघ रूपी मेहमान के आने से वातावरण में निम्नलिखित परिवर्तन हुए:
हवा चलने लगी।
- घर के दरवाजे खिड़कियां खुलने लगे।
- धूल आंधी चलने लगी।
- नदी बांकी की होकर बहने लगी।
- लता हर्षित हो गई।
- बिजली चमकने लगी।
- रिमझिम वर्षा होने लगी।
उत्तर: मेघों के लिए बन-ठन के संवर के आने की बात इसलिए कही गई है, क्योंकि उनके आने पर वातावरण में वैसा ही उल्लास पैदा हो जाता है जैसा गांव में किसी सजे-संवरे दामाद की आने पर होता है। जब मेघ विभिन्न रंगों में सज-संवरकर आते हैं तब वर्षा होने की संभावना बढ़ जाती है जैसे सज-सँवरकर मेहमान गांव में अधिक आदर सम्मान पाता है उसी प्रकार बने-ठने संवरे मेघ प्रकृति में अधिक आदर पाते हैं।
उत्तर: कविता में मेघों का, बयार का, पेड़ों का, धूल का, नदी का, पीपल के वृक्ष का, लता का, ताल का, बिजली का मानवीकारण किया गया है। तथा चितिज अटारी में रूपक अलंकार है।
उत्तर: गांव में मेहमान किसी के भी घर आए परंतु उत्सुकता और उल्लास पूरे गांव में होता है। सभी लोग अपने-अपने तरीकों से मेहमान के स्वागत में जुड़ जाते हैं। गांव की स्त्रियां मेहमान से पर्दा करने लगती है, बुजुर्ग झुककर उसका स्वागत करते हैं। पैरों को धोने के लिए बारात में पानी लाया जाता है, इस प्रकार से इस कविता में कुछ ग्रामीण रीति-रिवाजों का चित्रण हुआ है।
प्रश्न 9. कविता में कवि ने आकाश में बादल और गाँव में मेहमान (दामाद) के आने का जो रोचक वर्णन किया है, उसे लिखिए।
उत्तर: आकाश म बादल- नए बादल बन ठन कर आ पहुँचा। उनके आने पर हवा सनसनाती हुई चली तो दरवाजे-खिड़कियाँ खुलने लगीं। आँधी चली, धूल उड़ने लगी। पेड़ हिलने-डोलने लगे। तालाब में खुशी की लहर दौड़ गई। नदी भी प्रसन्न हुई। लताएँ बहुत व्याकुल थीं। उन्हें लगता था बादल न आए तो वे मर जाएंगी। उनका भ्रम दूर हुआ। क्षितिज पर बादल गहराए बिजली चमकी और रिमझिम वर्षा होने लगी।
गाँव में मेहमान-शहर से दामाद गाँव में बन ठन कर पहुंचे। उसकी आने की खबर हवा की तरह फैली। पुरुष झुककर उसे देखने लगे। स्त्रियाँ भी घूँघट सरकाकर तिरछी नजर से देखने लगीं। गली-गली में दरवाजे-खिड़कियाँ खोल लोग उसे देखने लगे। किसी ने बढ़कर जुहार की तो कोई पानी भरकर ले आया। उसकी बिरहनी पत्नी को पहले शिकायत थी। वह सबके सामने नहीं मिली। किवाड़ की ओट से देखती रही। फिर एकांत में उसने क्षमा माँग ली और मिलन की बेला में उसके आँसू झरने लगे।
पाहुन ज्यों आए हो गाँव में शहर के।
मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के।
उत्तर: यहाँ कवि ने बादल को शहरी मेहमान के रूप में चित्रित किया है।
- ‘पाहुन ज्यों आए हो गाँव में शहर के’ में उत्प्रेक्षा अलंकार है।
- ‘बड़े बन-ठन’ में अनुप्रास अलंकार है।
- प्रवाह पूर्ण एवं चित्रात्मक भाषा है।
रचना और अभिव्यक्ति
प्रश्न11. वर्षा के आने पर अपने आसपास के वातावरण में हुए परिवर्तनों को ध्यान से देखकर एक अनुच्छेद लिखिए।उत्तर: वर्षा आने पर काले बादल चारों ओर फैल जाते हैं। छोटे बच्चे उल्लास से भर उठते हैं और वर्षा का इंतजार करने लगते हैं। लोक आंगन से सामान उठाकर घर के अंदर रखने लगते हैं और जल्दी से जल्दी बाहर का काम निपटाने लगते हैं। बारिश से बचने के लिए लोगों द्वारा पकड़े रंग-बिरंगे छातों से दृश्य और भी अद्भुत हो जाता है। पशु-पक्षी भी बारिश की बूंदों से बचने के लिए किसी ओट की खोज में निकल पड़ते हैं।
प्रश्न12. कवि ने पीपल को ही बड़ा बुजुर्ग क्यों कहा है? पता लगाइए।
उत्तर: जिस तरह से घर में कोई भी कार्य करने से पहले बड़े बुजुर्गों से आशीर्वाद लिया जाता है। ठीक उसी प्रकार विशाल हरे- भरे पीपल के पेड़ को भी हर मांगलिक कार्यों को करने से पहले पूजा जाता है। इसलिए कवि ने पीपल को बड़ा बुजुर्ग कहा है।
उत्तर: आज के समय में अतिथि की विशेषता में कमी आ रही है इसके कारण है:
- बढ़ती महंगाई।
- लोगों का पुरानी परंपराओं से दूर जाना।
- अपनी संस्कृति पर गर्व न करना।
- घर आए अतिथि को बोझ समझना।
भाषा अध्ययन
- बांध टूटना : बहुत सारे पैसे देखकर चोर के धैर्य का बांध टूट गया।
- बन-ठनकर आना : आज के समारोह में सभी बन-ठनकर आए हैं।
- सुधि लेना : एक बार पैसा लेने के बाद कुछ लोग लौटने की सुधि नहीं लेते है।
उत्तर: आँचलिक शब्दों की सूची-
- बन-ठन,
- पाहुन,
- घाघरा,
- पूँघट,
- जुहार,
- ओट,
- किवार,
- परात,
- अटारी,
- भरम।
उत्तर: ‘मेघ आए कविता की भाषा सरल, सहज और आडंबरहीन है । निम्नलिखित उदाहरणों द्वारा इसे स्पष्ट किया जा सकता है-
- बरस बाद सुधि लीन्हीं
- मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के।
- पेड़ झुककर झाँकने लगे गरदन उचकाए।
Extra Questions
प्रश्न 1. कविता में मेघ के आगमन का चित्रण किस रूप में हुआ है?उत्तर-कविता में मेघ के आगमन का चित्रण सज संवर कर आए अतिथि के रूप में हुआ है?
प्रश्न 2. गली-गली में दरवाजे और खिड़कियाँ क्यों खुलने लगीं?
उत्तर-गली-गली में दरवाजे और खिड़कियाँ शहर से आए पाहुन को देखने के लिए खुलने लगीं।
प्रश्न 3. 'बरस बाद सुध लीन्हीं' में प्रिया के किस भाव की अभिव्यक्ति हुई है-
(क) प्रेम भाव की
(ख) उपालंभ की
(ग) उदारता की
(घ) कृतज्ञता की।
उत्तर-उपालंभ की।
प्रश्न 4. शहरी पाहुन के आगमन पर गाँव में उमंग, उल्लास के रूप को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर-जब शहरी पाहुन सज-संवर कर गाँव में आता है तो चारों ओर प्रसन्नता का वातावरण छा जाता है। उसके आगमन की खबर तेज़ी से फैल जाती है, गली-गली में दरवाजे और खिड़कियाँ उसे उत्सुकतावश देखने के लिए खुल जाते हैं। लोग गरदन उठाकर उसे देखने लगते हैं और गाँव की औरतें शरमा कर घूंघट सरका कर तिरछी दृष्टि से उसे देखती हैं। प्रिया भी अपने पाहुन को घर आया देख प्रसन्न हो जाती है, परंतु दरवाज़े की ओट में छिपकर वह पाहुन को उपालंभ भी देती है। उसके हृदय के सारे भ्रम दूर हो जाते हैं। अतिथि और प्रियतमा का मिलन हो जाता है और उनके नेत्रों से प्रसन्नता के आँसू छलक पड़ते हैं।
प्रश्न 5. बादलों की तुलना किसके साथ की गई है और कैसे?
उत्तर-कवि ने बादलों की तुलना शहरी मेहमान के साथ की है। जिस प्रकार शहरी मेहमान बन-संवर कर आते हैं उसी प्रकार बादल भी बन संवर आए हैं और सारे आकाश में फैल गए हैं। गाँव के लोग बादलों को देखने के लिए अपने खिड़की-दरवाज़े उसी प्रकार खोल रहे हैं जिस प्रकार शहरी मेहमान को देखने की उत्सुकता में लोग अपने घरों के खिड़की-दरवाज़े खोलते हैं।
प्रश्न 6. 'मिलन के अश्रु ढरके' से कवि का क्या अभिप्राय है?
उत्तर-मिलन के अश्रु ढरके से कवि का अभिप्राय है कि धरती को यह भ्रम था कि बादल नहीं आएंगे। नायिका को लगता था कि उसका मेहमान अब कभी नहीं आएगा। परंतु जब बादल रूपी मेहमान बन-संवर आता है तब धरती और नायिका दोनों का भ्रम दूर हो जाता है। धरती और मेघ का मिलन देखकर बादल ज़ोर-ज़ोर बरसने लगते हैं अर्थात् नायिका और अतिथि के मिलन पर आँखों से खुशी के आँसू बहने लगते हैं।
प्रश्न 7. बादलों के मेहमान बनकर आने पर उनका स्वागत किस प्रकार होता है?
उत्तर-गाँव में बादल एक साल बाद मेहमान की भाँति बन संवर कर आए हैं। उन्हें देखकर सारा गाँव खुशी से नाच उठता है। सभी अपने-अपने ढंग से बादल रूपी मेहमान के स्वागत की तैयारी में लग जाते हैं। गाँव के सबसे बूढ़े पेड़ पीपल ने बादलों का स्वागत झुककर वंदना करते हुए किया। जब घर में मेहमान आते हैं उनका स्वागत घर के बड़े लोग करते हैं। तालाब में लहरें उठने लगती हैं वह भी अपने जल से मेहमान के चरण धोने के लिए तत्पर है। मेहमान की नायिका उसे यह ताना देती है कि वह एक साल बाद आया है उसने तो उसके आने की उम्मीद छोड़ दी थी। अर्थात् धरती भी मेघों से मिलने को बेचैन थी और वह अपनी बेचैनी किसी को दिखाती नहीं है। इसीलिए आड़ में छिपकर अपने मेहमान का स्वागत करती है।
प्रश्न 8. बादल कहाँ तक फैल गए हैं उनके सौंदर्य का वर्णन कीजिए।
उत्तर-बादल आकर क्षितिज तक फैल गए हैं। उनमें से बिजली चमक रही है। बिजली की चमक देखकर ऐसा लगता है मानो बादल रूपी मेहमान क्षितिज रूपी अटारी पर आने से नायिका रूपी बिजली का तन-मन आभा से युक्त हो गया है।
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